प्रश्न:1 लोकसभा सदस्यों के बीच अणुव्रत प्रवर्तक का प्रथम प्रवचन कब हुआ ?
उत्तर: भारतीय लोकसभा के सांसदो के बीच प्रथम बार १९ दिसंबर १९७४ को अणुव्रत प्रवर्तक आचार्य श्री तुलसी का प्रवचन हुआ था ।
प्रश्न:2 लोकसभा के कोनसे अध्यक्ष अणुव्रत महासमिति के भी अध्यक्ष रहे ?
उत्तर: लोकसभाध्यक्ष श्री शिवराज पाटील १९९४ से १९९७ तक अणुव्रत महासमिति के अध्यक्ष रहे ।
प्रश्न:3 अणुव्रत आचार संहिता का चौथा, पाँचवा व छठा नियम कोनसा है ?
उत्तर: १) मैं मानवीय एकता में विश्वास करूँगा ।
२) मैं धार्मिक सहिष्णुता रखूँगा ।
३) मैं व्यवसाय अौर व्यवहार में प्रामाणिक रहूँगा ।
प्रश्न:4 सन १९९४ में भारतीय लोकसभा में व्याप्त गतिरोध को दूर करने में अणुव्रत की क्या भूमिका रही ?
उत्तर: उस अवसर पर अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री तुलसी एवं आचार्य श्री महाप्रज्ञ ने श्री लालकृष्ण आडवाणी, श्री वी.पी.सिंह, श्री अटल बिहारी वजपेयी आदी प्रमुख नेताओं से बात कर गतिरोध को दूर करने का सार्थक प्रयत्न किया ।
प्रश्न: 5 अणुव्रत प्रवर्तक आचार्य श्री तुलसी को अभिनंदन ग्रंथ कब, किसने अौर कहाँ भेंट दिया ?
उत्तर: १ मार्च १९६२ को तत्कालीन उपराष्ट्पति डाँ. राधाकृषणन ने गंगाशहर चोपड़ा स्कूल में आचार्य तुलसी को धवल समारोह के अवसर पर अभिनंदन ग्रंथ भेंट
किया ।
प्रश्न:1 महात्मा गांधी ने आचार्य श्री तुलसी के “अशांत विश्व को शांति का संदेश” पर क्या प्रतिक्रिया व्यक्त की ?
उत्तर: महात्मा गांधी ने लिखा था “क्या ही अच्छा होता यदि विश्व इस महापुरुष द्वारा बताए गये मार्ग का अनुसरण करता ।”
प्रश्न:2 प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रासाद ने अणुव्रत के लिए कोनसा पद लेना स्वीकार किया था ?
उत्तर: प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने राजघाट पर आयोजित मैत्री-दिवस समारोह में बोलते हुए कहा था “आचार्य जी ! यदि आप मुझे कोई पद देना चाहें तो मैं अणुव्रत -समर्थन का पद लेना चाहूँगा।” आचार्य तुलसी ने उत्तर दिया “ हम आपको अणुव्रती का पद देना चाहते
हैं ।”
प्रश्न:3 प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरु ने अणुव्रत की सभा में सबसे पहले कब अौर कहाँ भाग लिया था ?
उत्तर: श्री नेहरु ने १३ दिसंबर, १९५६ को सप्रू हाउस में अणुव्रत प्रवर्तक के सानिध्य में आयोजित अणुव्रत उदबोधन सप्ताह के उद् घाटन समारोह में भाग लिया था।
प्रश्न: 4 केंद्रीय सरकार के किस मंत्रालय में सबसे पहले अणुव्रत प्रवर्तक का प्रवचन हुआ था ?
उत्तर:भारत सरकार के केंद्रीय गृह मंत्रालय में १ नवम्बर १९६४ के अपराह्न में श्री गुलज़रीलाल नंदा की उपस्थिति में अणुव्रत प्रवर्तक आचार्य श्री तुलसी का प्रवचन हुआ
था ।
प्रश्न: 5 श्री विनोबा भावे ने अणुव्रत के बारे में सर्वप्रथम क्या विचार प्रकट किए थे ?
उत्तर: श्री विनोबा भावे ने अपनी प्रथम अभिवियक्ति में कहा था “संयम के द्वारा सेवा का यह श्रेष्ठ उपाय है।”
प्रश्न:1 अणुव्रत का प्रारम्भ कब,क्यों और कहाँ हुआ ?
उत्तर: अणुव्रत 1 मार्च, 1949 को नैतिक-आध्यात्मिक जागरण हेतु राजस्थान प्रदेश के सरदार शहर क़स्बे से शुरू हुआ ।
प्रश्न:2 अणुव्रत का पूर्व नाम क्या था ?
उत्तर: अणुव्रत का पूर्व नाम अणुव्रती संघ था।इसे अणुव्रत आन्दोलन के नाम से भी पुकारा जाता रहा है ।
प्रश्न: 3 प्रारंभ में अणुव्रत के व्रत कितने थे ?
उत्तर: अणुव्रत के सर्वप्रथम छियासी व्रत थे। बाद में उनकी संख्या में परिवर्तन भी होता रहा ।
प्रश्न: 4 उद्गघाटन के अवसर पर अणुव्रत के कितने सदस्य थे ?
उत्तर: इस अवसर पर लगभग 72 लोग अणुव्रती बने।
प्रश्न: 5 अणुव्रत का पहला अधिवेशन कब अौर कहाँ हुआ ?
उत्तर: इसका पहला अधिवेशन सन 1950 में चाँदनी चौक, दिल्ली में हुआ ।
प्रश्न:1 वर्गीय अणुव्रर्ती का क्या अर्थ है ?
उतर: विद्यार्थी,शिक्षक,व्यापारी आदि वर्गीय व्रतों को धारण करनेवाला वर्गीय अणुवर्ती कहलाता है ।
प्रश्न:2 किन-किन वर्गों के लिए अलग से अणुव्रत आचारसंहिता नियम निर्धारित किये गये है ?
उत्तर: छात्र,शिक्षक व व्यापारी वर्ग के लिए अणुव्रत आचारसंहिता अलग से नियम निर्धारित किये गये है ।
प्रश्न:3 अणुव्रत आचारसंहिता के प्रथम तीन नियम कॊनसे है ?
उत्तर: १) मैं किसी निरपराध प्राणी का संकल्पपूर्वक वध नहीं करूँगा ।
२) मैं आक्रमण नहीं करूँगा ।
३) मैं हिंसात्मक एवं तोड़फोड़ - मूलक प्रवृतियों में भाग नहीं लूँगा ।
प्र्श्न:4 अणुव्रत के प्रवर्तक कौन थे ?
उत्तर: अणुव्रत के प्रवर्तक आचार्य श्री तुलसी थे। वे अणुव्रत के अनुशास्ता भी थे ।
प्रश्न:5 वर्तमान में अणुव्रत अनुशास्ता कौन हैं ?
उत्तर: वर्तमान में आचार्यश्री महाश्रमण अणुव्रत अनुशास्ता हैं ।
प्रश्न:१.अणुव्रत का अर्थ क्या है ?
उत्तर: छोटे-छोटे व्रतों को अणुव्रत कहते हैं ।
प्रश्नः२ अणुव्रत का लक्ष्य क्या है ?
उत्तर: अणुव्रत का लक्ष्य है : जाति, रंग,सम्प्रदाय,देश और भाषा का भेदभाव न रखते हुए मनुष्य मात्र को आत्म संयम की ओर प्रेरित करना,मेत्री-एकता-शांति-आध्यात्मिक व नैतिक मूल्यों की प्रतिष्ठा न करना एवं स्वस्थ समाज की संरचना का प्रयास करना ।
प्रश्नः३.अणुव्रत के लक्ष्य को प्राप्त करना करने के साधन क्या क्या है ?
उत्तर:अणुव्रत के लक्ष्य को प्राप्त करने के साधन है: व्यक्ति व्यक्ति को अणुव्रत दर्शन से परिचित कराना,आध्यात्मिक नैतिक वह मानवीय मूल्यों के प्रति आस्था जगाना, अणुव्रती बनने की प्रेरणा देना एवं हृदय-परिवर्तन ओर व्यवस्था में संतुलन बनाना।
प्रश्न:४ अणुव्रती की अर्हता क्या है ?
उत्तर: चरित्र विकास मैं विश्वास रखने वाला हर व्यक्ति अणुव्रती बन सकता है।
प्रश्न:५ अणुव्रत आचार संहिता के कितने व्रत है ?
उत्तर: अणुव्रत आचार संहिता के मूल ग्यारह व्रत है।