प्रश्र १ - योगलिक काल में कितने प्रकार के कल्पवृक्ष होते हैं ?
उत्तर १- 10 प्रकार के
प्रश्र २-किस आचार्य ने सर्वाधिक साध्वी प्रमुखाओ की नियुक्ति की?
उत्तर २- आचार्य तुलसी ।
प्रश्र ३- अंतराल गति के समय कौन सा शरीर होता है?
उत्तर ३- तेजस और कार्मण।
प्रश्र ४- तेरापंथ का इतिहास किताब के लेखक का नाम बताएं?
उत्तर ४- शासन गौरव मुनि श्रीबुद्धमलजी *स्वामि।
प्रश्र ५ - क्या देवताओं की अकाल मृत्यु होती है?
उत्तर5- नहीं।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १ - आचार्य भिक्षु की समस्त रचनाएं किस मुनि को और किस श्रावक को कंठस्थ थी?
उत्तर १- साधु- मुनि वेणी रामजी
श्रावक-गुमानजी लुणावत (पीपाड़)
प्रश्र २-चातुर्मास के अतिरिक्त बिना कारण विशेष साधु साध्विया एक ही क्षेत्र में कितने दिन विराज सकते हैं?
उत्तर २- साधु - एक महीना
साध्विया- दो महिना।
प्रश्र ३- संयममय जीवन हो , इस गीत को किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर ३- अनुव्रत गीत।
प्रश्र ४- जब बिदासर में अंगारे की बरसात हुई तब जयाचार्य ने कौन से गीत की रचना की?
उत्तर ४- मुणिन्द मोरा।
प्रश्र ५ - भक्तामर स्तोत्र के रचयिता कौन है?
उत्तर5- आचार्य मानतुंग।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १ - आचार्य भिक्षु की समस्त रचनाएं किस मुनि को और किस श्रावक को कंठस्थ थी?
उत्तर १- साधु- मुनि वेणी रामजी
श्रावक- श्री गेरूलाल जी व्यास।
प्रश्र २-चातुर्मास के अतिरिक्त बिना कारण विशेष साधु साध्विया एक ही क्षेत्र में कितने दिन विराज सकते हैं?
उत्तर २- साधु - एक महीना
साध्विया- दो महिना।
प्रश्र ३- संयममय जीवन हो , इस गीत को किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर ३- अनुव्रत गीत।
प्रश्र ४- जब बिदासर में अंगारे की बरसात हुई तब जयाचार्य ने कौन से गीत की रचना की?
उत्तर ४- मुणिन्द मोरा।
प्रश्र ५ - भक्तामर स्तोत्र के रचयिता कौन है?
उत्तर5- आचार्य मानतुंग।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १ - मुंहपट्टी में कितने पट्ट होते हैं?
उत्तर १- आठ।
प्रश्र २-महात्मा महाप्रज्ञ किताब के लेखक का नाम बताएं?
उत्तर २- आचार्य महाश्रमण जी।
प्रश्र ३- सर्वप्रथम अणुव्रत स्वीकारने वाले श्रावक कौन थे?
उत्तर ३- सुगनचंद जी आचलिया पति पत्नी दोनों।
प्रश्र ४- क्या देवताओं की अकाल मृत्यु होती है?
उत्तर ४- नहीं।
प्रश्र ५ - समस्या को देखना सीखे ,किताब के लेखक का नाम बताइए?
उत्तर ५- आचार्य महाप्रज्ञ जी।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १ - भगवान महावीर की अंतिम देशना कितने प्रहर की थी?
उत्तर १- 16 प्रहर।
प्रश्र २- भगवान महावीर का पंचमुष्ठी लुंचन किसने किया?
उत्तर २- भगवान महावीर ने अपने हाथों से किया।
प्रश्र ३- आचार्य तुलसी ने अपने शासनकाल में कितनी साध्वीयों को प्रमुखा पद पर मनोनीत किया?
उत्तर ३- श्री झमकूजी, लाडाजी , और कनकप्रभा जी को।
प्रश्र ४- अ. भी.रा.शि को मंत्र किसने बनाया?
उत्तर ४- जयाचार्य जी ने।
प्रश्र ५ - च्यवन से क्या तात्पर्य है?
उत्तर ५- देवों के मरण को च्यवन कहा जाता है?
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १ - तेरापंथ के कौन से आचार्य की पछेवड़ी दाग के समय नहीं जली?
उत्तर १- आचार्य भारमल जी की।
प्रश्र २- तेरापंथ की प्रथम अग्रणी साध्वी कौन थी?
उत्तर २- साध्वी कुशालां जी।
प्रश्र ३- प्रभु तुम्हारे पावन पंथ पर, गीत की रचना किसने और कहां की?
उत्तर ३- आचार्य तुलसी ने, बगड़ी में।
प्रश्र ४- तेरापंथ के कौन से आचार्य की मातुश्री ने अपने पुत्र से पहले संयम ग्रहण किया?
उत्तर ४- आचार्य डालगणी की मातुश्री जडांवाजी ने अपने पुत्र से पहले संयम ग्रहण किया।
प्रश्र ५ - साधु- साध्वी सचित क्या ले सकते हैं?
उत्तर ५- साधु साध्वी सचित्त रूप में वैरागी वैरागन को ले सकते हैं।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १ - श्रावक किसे कहते हैं?
उत्तर १- जो अहिंसा आदि 12 व्रतों का पालन करता है उसे श्रावक कहते हैं।
प्रश्र २- भगवान ने श्रावक को क्या-क्या उपमाएं दी है?
उत्तर २- १ /माता- पिता के समान २/भाई के समान ३/मित्र के समान ४/सौत के समान।
प्रश्र ३- श्रावक की कितनी प्रतिमा है?
उत्तर ३- श्रावक की 11 प्रतिमा है।
प्रश्र ४- श्रावक को सोते समय किस चीज के त्याग करने चाहिए?
उत्तर ४- तीन आहार या चार आहार का सूर्योदय तक के लिए त्याग करना चाहिए।
प्रश्र ५ - क्या श्रावक का प्रासुत पानी पीना धर्म है?
उत्तर ५- नहीं, क्योंकि श्रावक का खाना पीना अव्रत में है। कच्चे पानी पीने का त्याग किया वह धर्म है।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १ - साधु कितने कोस तक आहार पानी ले जा सकता है?
उत्तर १- 2 कोस याने करीब 7 किलोमीटर तक।
प्रश्र २- साधु मांग कर क्या-क्या ले सकता है?
उत्तर २- पानी ,रोटी , राबड़ी, छाछ।
प्रश्र ३- क्या इसके अतिरिक्त भी मांग कर ले सकते हैं?
उत्तर ३- हां, बीमारी की अवस्था में ।
प्रश्र ४- साधु कितने दोषो को टाल कर दीक्षा लेता है?
उत्तर ४- 42 दोषों को टालकर।
प्रश्र ५ - साधु को कितने प्रकार का दान दिया जाता है?
उत्तर ५- साधु को 14 प्रकार का दान दिया जाता है।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १ नव तत्व में सामायिक कौन सा तत्व है?
उत्तर १- संवर तत्व।
प्रश्र २- सामायिक 48 मिनट की ही क्यों होती है?
उत्तर २- छद्ममस्थ 48 मिनट से ज्यादा स्थिर नहीं रह सकता इस दृष्टि से।
प्रश्र ३- सामायिक के पर्यायवाची शब्द क्या है?
उत्तर ३- समता, समाधि, संयम।
प्रश्र ४- सामायिक का दूसरा नाम क्या है?
उत्तर ४- सावद्म- योग विरति व्रत।
प्रश्र ५ - समायिक के कितने दोष है?
उत्तर ५- सामायिक के 32 दोष है ।10 मन के ,10 वचन के, और 12 काया के ।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १- धन्ना - शालीभद्र में क्या रिश्ता था?
उत्तर १- साला- बहनोई का।
प्रश्र २- कौन से मुनि के गृहस्थ अवस्था में रोजाना स्वर्ग से 33 पेटियां उतरती थी?
उत्तर २- शालीभद्र के।
प्रश्र ३- शालीभद्र व घन्ना कितनी रानियों को छोड़कर प्रवर्जित हुए?
उत्तर ३- शालीभद्र- 32
धन्ना- 8
प्रश्र ४- संगम का जीव शालीभद्र का जीव कैसे बना?
उत्तर ४- पूर्व भव में उत्कृष्ट भाव से मुनि को खीर देने से।
प्रश्र ५ - सात कोड़ियों में राज, उक्ति किस के संदर्भ में प्रसिद्ध है?
उत्तर ५- सुरसुंदरी के संदर्भ में।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १- प्रत्याख्यान के बीज कौन सा है?
उत्तर १- करण और योग।
प्रश्र २- धर्म का बीज कौन सा है?
उत्तर २- सम्यक्त्व और दया ।
प्रश्र ३- अधर्म का बीज कौन सा है?
उत्तर ३- हिंसा और झूठ।
प्रश्र ४- आज जो भरत क्षेत्र में सूर्योदय होता है वह कल कहां उदय होता है?
उत्तर ४- ऐरावत में।
प्रश्र ५ - भरत क्षेत्र में कितने खंड हैं?
उत्तर ५- छह।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १- आचार्य सुहस्ती जी के काल में कितने गण निर्मित हुए
उत्तर १- अनेक।
प्रश्र २- प्रज्ञापना सूत्र की रचना किसने की
उत्तर २- आचार्य श्याम (कालक)ने।
प्रश्र ३- भरत क्षेत्र में निगोद के व्याख्याता के रूप में कौन से आचार्य प्रसिद्ध हुए?
उत्तर ३- श्यामाचार्य।
प्रश्र ४- चतुर्थी को संवत्सरी का प्रवर्तन कौन से आचार्य ने किया?
उत्तर ४- द्वितीय कालकाचार्य ।
प्रश्र ५ - तत्वार्थ सूत्र के रचयिता कौन थे?
उत्तर ५- आचार्य उमास्वाति ।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
मंगलवार संयोजिका वंदना कोठारी, भिलाई
प्रश्र १- स्थानकवासी परंपरा का प्रारंभ लोंकाशाह के कितने वर्षों बाद हुआ?
उत्तर १- करीब 150 वर्षों बाद।
प्रश्र २- 11 वीं शताब्दी का श्वेतांबर में सबसे पुराना गच्छ कौन सा है?
उत्तर २- खतरगच्छ।
प्रश्र ३- ऐसे कौन से आचार्य हुए जिन्होंने संस्कृत में एक घंटा तक धाराप्रवाह भाषण दिया और उसमें एक मात्रा भी दीर्घ नहीं आई?
उत्तर ३- आचार्य श्री यशोविजय जी ।
प्रश्र ४- 8 वर्ष की उम्र में आचार्य पद से विभूषित होने वाले आचार्य कौन थे?
उत्तर ४- आचार्य जिनचंद्र ।
प्रश्र ५ - वे कौन से आचार्य थे, जिन्हें सिद्ध सारस्वत मंत्र सिद्ध था?
उत्तर ५- आचार्य हेमचंद्र।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १- बादशाह अकबर को प्रतिबोध देने वाले मुनि कौन थे?
उत्तर १- हीर विजय जी।
प्रश्र २- परस्त्रीगमन का आरोप किस मुनि पर लगाया गया?
उत्तर २- मुनि सुदर्शन पर।
प्रश्र ३- वर्तमान में उपलब्ध द्वादशांगी किसकी देन है?
उत्तर ३- आचार्य सुधर्मा की।
प्रश्र ४- जैन धर्म में तीर्थंकर के बाद सर्वोच्च पर किसका होता है?
उत्तर ४- गणधर का।
प्रश्र ५ - महाप्राण ध्यान दें विशिष्ट साधक कौन थे?
उत्तर ५- आचार्य भद्रबाहु।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १- राम व रावण किस तीर्थंकर के समय में हुए?
उत्तर १- बीसवें तीर्थंकर मुनीसुव्रत के समय।
प्रश्र २- एक शय्या पर सोकर ब्रह्मचर्य की अखंड साधना का श्रेय किसको है?
उत्तर २- विजय सेठ व विजया सेठानी को।
प्रश्र ३- धन्ना व शलीभद्र में क्या रिश्ता था?
उत्तर ३- साला -बहनोई का।
प्रश्र ४- हनुमान को किस दृश्य को देखने से वैराग्य हुआ?
उत्तर ४- डूबते सूर्य को।
प्रश्र ५ - केसरिया मोदक का चूर्ण करते-करते किसे केवल ज्ञान हुआ,?
उत्तर ५- मुनि सुव्रत को।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १- रस लोलुपता के कारण कौन से आचार्य को अकेला रहना पड़ा
उत्तर १- मंगू आचार्य को।
प्रश्र २- स्वाध्याय के योग से अनर्थ किस का टला?
उत्तर २- यव राजर्षि का।
प्रश्र ३- स्थावर पर बैठकर स्थिर कौन बने?
उत्तर ३- यशोभद्र।
प्रश्र ४- वियोग से वैराग्य किसको हुआ?
उत्तर ४- राजीमती को।
प्रश्र ५ - बिजोरापाक बहराकर तीर्थंकर गोत्र का उपार्जन किसने किया?
उत्तर ५- रेवती ने ।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १- दीक्षा स्वीकार करते समय पांडवों ने क्या अभीग्रह किया?
उत्तर १- जब तक नेमिनाथ भगवान के दर्शन ना हो तब तक पारणा नहीं करेंगे।
प्रश्र २- ध्यान में चढ़ते-उतरते परिणामों में किसने मोक्ष पाया?
उत्तर २- प्रसन्नचंद्र राजर्षि।
प्रश्र ३- हिरण ने किस मुनि के लिए भिक्षा की दलाली की?
उत्तर ३- बलभद्र मुनि के लिए।
प्रश्र ४- पुत्रों के प्रवर्जित होने से कौन तिरे ?
उत्तर - भृगु पुरोहित व उसकी पत्नी।
प्रश्र ५ - महावीर की आज्ञा लेकर गौतम स्वामी किसका कर्म- विपाक देखने गए?
उत्तर ५- मृगालोढा़ का।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १- दान देकर दंड को किसने प्राप्त किया?
उत्तर १- नागश्री ब्राह्मणी ने
प्रश्र २- जुए में अपनी औरत को गवाने वाले राजा कौन थे?
उत्तर २- नल राजा।
प्रश्र ३- प्रतिदिन 10 व्यक्तियों को समझा कर भोजन कौन करते थे ?
उत्तर ३- नंदीषेण।
प्रश्र ४- श्रावक का भव बिगाड़कर मेंढक का भव सुधारने वाला कौन था?
उत्तर - नंदन मणियारा।
प्रश्र ५ - ज्वर की पीड़ा से किसने प्रकाश पाया ?
उत्तर ५- नमि राजर्षि ने
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १- मां व पुत्र दोनों ने तीर्थंकर नाम गोत्र का उपार्जन किया, वे कौन थे?
उत्तर १- देवकी व श्री कृष्ण।
प्रश्र २- द्वारिका नगरी किस कारण बची हुई थी?
उत्तर २- आयंविल तप के कारण।
प्रश्र ३- महावीर के शासनकाल में दीर्घ तपस्वी कौन हुए?
उत्तर ३- धन्ना अणगार।
प्रश्र ४- स्नान करते करते किसकी चेतना जागृत हुई?
उत्तर - धनजी की।
प्रश्र ५ - चीटियों के प्रति अनुकंपा कर कड़वा तुंबा किसने खाया?
उत्तर ५- धर्म रूचि अणगार ने।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १- रयणा देवी के मोहपास में फंसकर किसने जान गंवाई?
उत्तर १- जिनरक्षित ने ।
प्रश्र २- काया छोटी पर भावना खोटी थी, किसकी?
उत्तर २- तंदुलमत्स्य।
प्रश्र ३- तामली तापस कौन था?
उत्तर ३- ताम्रलिप्ती नगरी का सिद्ध गाथा पति था।
प्रश्र ४- उसने कितने हजार वर्षों तक बेले बेले की तपस्या की?
उत्तर - 60,000 वर्षों तक।
प्रश्र ५ - तामली तापस मरकर कौन से स्वर्ग में गए?
उत्तर ५- दूसरे स्वर्ग में इंद्र के रूप में पैदा हुए।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १- विरह विलाप से मुड़कर केवलज्ञान किसने पाया ?
उत्तर १- गौतम स्वामी ने।
प्रश्र २- मस्तक जलते -जलते कौन सिद्ध हुए?
उत्तर २- गजसुकुमाल मुनि।
प्रश्र ३- भावना से संसार किसने घटाया?
उत्तर ३- जीर्ण सेंठ ने।
प्रश्र ४- जीर्ण सेंठ मरकर कौन से स्वर्ग में गए?
उत्तर - 12 वें।
प्रश्र ५ - वियोग से वैराग्य किसको हुआ ?
उत्तर ५- राजीमती को।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १- ऐसे कौन से राजर्षि हुए जिन्हें अपनी ही नगरी में ठहरने के लिए स्थान मुश्किल से मिला?
उत्तर १- उदाई राजर्षि।
प्रश्र २- श्री कृष्ण ने एक साथ कितने साधुओं को वंदना की?
उत्तर २- संग्रहनय की अपेक्षा से अठारह हजार साधुओं को।
प्रश्र ३- केशीश्रमण कौन थे?
उत्तर ३- पार्श्वनाथ की परंपरा के आचार्य।
प्रश्र ४- कौन से आचार्य थे जिनके सब शिष्य आराधक वह स्वयं विराधक बने?
उत्तर ४ - खंदक आचार्य।
प्रश्र ५ - खंदक मुनि की खाल किसने उतारी?
उत्तर ५- बहनोई राजा के कहने पर अधिकारी ने।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १- तुम्हारे भोगावली कर्म अभी बाकी है, तुम संयम व्रत मत स्वीकार करो, यह वचन किसने किसको कहे?
उत्तर १- देवता ने आर्द्रक से कहें।
प्रश्र २- दीक्षा लेने के कितने वर्षों बाद आर्द्रक मुनि गृहस्थ जीवन में लौटे।
उत्तर २- 12 वर्षों बाद।
प्रश्र ३- उनके पुनः दीक्षा के भाव कब जागे ?
उत्तर ३- पुत्र प्राप्ति के बाद।
प्रश्र ४- गौतम स्वामी को किसने कहा कि आप मिच्छामि दुक्कड़ं ले?
उत्तर ४ - आनंद श्रावक ने।
प्रश्र ५ - भगवान महावीर कौन से राजा को तारने के लिए सात सौ कोस पधारे?
उत्तर ५- उदाई राजा को ।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १- लज्जा के कारण किसका संयम सुरक्षित रहा?
उत्तर १- आचार्य आषाढ़भूति का ।
प्रश्र २- दर्शन परीषह(साधुत्व के प्रति अनास्था)से कौन विचलित हुए?
उत्तर २- आषाढ़भूति आचार्य।
प्रश्र ३- मोदक के लालच में संयम से कौन च्युत हुए?
उत्तर ३- आषाढ़भूति मुनि ।
प्रश्र ४- अनार्य देश में अभय कुमार ने किसके लिए धर्मोपकरण भेजें?
उत्तर ४ - आर्द्रकुमार के लिए ।
प्रश्र ५ - धर्मोपकरण देखकर आर्द्रकुमार को कौन सा ज्ञान हुआ?
उत्तर ५- जातिस्मरण ज्ञान।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १- ऋद्धियों के कारण कौन से सन्यासी के 500 शिष्य बने?
उत्तर १- अंबड़ के।
प्रश्र २- अंबड़ सन्यासी को किस बात के विशेष त्याग थे?
उत्तर २- अदत्त वस्तु के।
प्रश्र ३- पानी के होते हुए भी आज्ञा के अभाव में शिष्यों के साथ किसने संथारा किया?
उत्तर ३- अंबड़ सन्यासी ने।
प्रश्र ४- अंबड़ सन्यासी कौन से स्वर्ग में गए?
उत्तर ४ - पांचवें।
प्रश्र ५ - अंबड़ सन्यासी कौन था?
उत्तर ५- 12 व्रतधारी, बेले बेले की तपस्या करने वाला भगवान महावीर का भक्त था।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १- धधकती शीला पर अनशन किसने किया?
उत्तर १- अरणक मुनि ने।
प्रश्र २- मैं तिरु म्हारी नाव तिरे ये शब्द किस मुनि के हैं?
उत्तर २- अतिमुक्तक मुनि के।
प्रश्र ३- भवी शिष्यों के अभवी आचार्य कौन थे?
उत्तर ३- आचार्य अंगारमर्दन।
प्रश्र ४- सुदर्शन श्रावक के योग से किसने अपनी आत्मा का उद्धार किया?
उत्तर ४ - अर्जुन माली ने।
प्रश्र ५ - आक्रोश परीषह का सामना किसने किया?
उत्तर ५- अर्जुनमाली ने।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १- राजा श्रेणिक से अपमानित होकर कौन दीक्षित हुए?
उत्तर १- अभय कुमार
प्रश्र २- अभय कुमार किसके धनी थे?
उत्तर २- बुद्धि के।
प्रश्र ३- उदायी राजा के साथ किसने बैर बांधा?
उत्तर ३- अभीचिकुमार ने।
प्रश्र ४- विलाप करती हुई माता को देखकर किसका ह्रदय द्रवित हुआ?
उत्तर ४ - अरणक मुनि का ।
प्रश्र ५ - पत्थर पर पुष्प किसने खिलाया?
उत्तर ५- अरणक मुनि ने।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १-20 विहरमाण की दीक्षा कब हुई?
उत्तर १- वर्तमान चौबीसी के बीसवें तीर्थंकर श्री मुनिसुव्रवत नाथ जी के निर्वाण के बाद सबने एक समय में दीक्षा ली।
प्रश्र २- 20 विहरमान का देहमान कितना?
उत्तर २- 500 धनुष।
प्रश्र ३- 20 विहरमाण का आयुष्य कितना?
उत्तर ३- 84 लाख वर्ष पूर्व का।
प्रश्र ४- 20 विहरमाण सिद्धावस्था को कब प्राप्त होंगे ?
उत्तर ४ - जंबूद्वीप के भरत क्षेत्र की आगामी चौबीसी के सातवें तीर्थंकर श्री उदयानाथ जी का निर्वाण होने के बाद एक ही समय में मोक्ष पधारेंगे।
प्रश्र ५ -20 विहरमान की शिष्य संपदा कितनी?
उत्तर ५- प्रत्येक तीर्थंकर के 84- 84 गणधर, 10 -10 लाख केवलज्ञानी और एक -एक अरब साधु- साध्वीया।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १-नमस्कार महामंत्र का जाप स्त्री, पुरुष या नपुंसक कौन से लिंग वाले कर सकते हैं?
उत्तर १- यह किसी लिंग विशेष से बंधा हुआ नहीं है। सभी लिंग वाले इसकी साधना कर सकते हैं।
प्रश्र २- माला और अनुपूर्वी में कितने नवकार गिने जाते हैं?
उत्तर २- माला में 108 और अनुपूर्वी मे 120।
प्रश्र ३- पंच परमेष्ठी के आद्माक्षर से कौन सा बीज मंत्र बनता है?
उत्तर ३- ओम् (ॐ) ।
प्रश्र ४- नमस्कार महामंत्र का जाप कौन सी दिशा में करना चाहिए?
उत्तर ४ - उत्तर या पूर्व दिशा में।
प्रश्र ५ -छह आरे में किस आरे में पंच परमेष्ठी रहते हैं?
उत्तर ५- अवसर्पिणी काल के 3- 4 आरे में पंच परमेष्ठी और पांचवें आरे में आचार्य, उपाध्याय, साधु- ये तीन पद रहते हैं।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १-वर्तमान में एरावत क्षेत्र में अरहंत भगवान है या नहीं?
उत्तर १- नहीं। क्योंकि भरत क्षेत्र की तरह एरावत में कालचक्र का परिवर्तन होता है।
प्रश्र २- 20 विहरमान महाविदेह क्षेत्र से विचरण करते हुए भरत क्षेत्र में आ सकते हैं?
उत्तर २- नहीं।
प्रश्र ३- 20 विहरमान में हमारे सबसे निकट कौन से अरहंत विराजमान है?
उत्तर ३- श्री सीमंधर स्वामी।
प्रश्र ४- श्री सीमंधर स्वामी कौन सी दिशा में विराज रहे हैं?
उत्तर ४ - ईशाण -कोण में।
प्रश्र ५ -20 विहरमान तीर्थंकरों का जन्म कब हुआ ?
उत्तर ५- वर्तमान चौबीसी के सतरहवें तीर्थंकर श्री कुंथुनाथ जी के निर्वाण के बाद एक ही समय में 20 विहरमान का जन्म हुआ।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १- क्या भावी तीर्थंकर मां का स्तनपान करते हैं?
उत्तर १- नहीं।
प्रश्र २- तीर्थंकर की रूप संपदा कैसी होती है?
उत्तर २- उत्कृष्ट।
प्रश्र ३- तीर्थंकर के गृहस्थावस्था मैं कौन सा गुण स्थान होता है?
उत्तर ३- चौथा गुणस्थान।
प्रश्र ४-क्या तीर्थंकरों का विवाह होता है?
उत्तर ४ - हां, जिन भावी तीर्थंकरों के भोगावली कर्म शेष रहते हैं, उनका विवाह होता है।
प्रश्र ५ - तीर्थंकर को दीक्षा के लिए कौन निवेदन करते हैं?
उत्तर ५- लोकान्तिक देव।
प्रश्र 1- अरहंत दीक्षा से पूर्व क्या करते हैं?
उत्तर 1- वर्षीदान।
प्रश्र २- भावी अरहंत में वर्षीदान की भावना कब जागृत होती है?
उत्तर २- दीक्षा से 1 वर्ष पूर्व।
प्रश्र ३- वर्षीदान प्रतिदिन कितने समय तक दिया जाता है?
उत्तर ३- प्रातः काल एक प्रहर तक।
प्रश्र ४- वर्षीदान कौन जीव ग्रहण नहीं कर सकता?
उत्तर ४ - अभव्य जीव।
प्रश्र ५ - वर्षीदान क्यों देते हैं?
उत्तर ५- शुभ नाम कर्म को भोगने के लिए।*
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र 1- अरहंत दीक्षा के लिए प्रस्थान करते समय उनकी शिविका कौन उठाते हैं?
उत्तर 1- मनुष्य और देवता।
प्रश्र २- अरहंत किनके पास दीक्षा लेते हैं?
उत्तर २- स्वयं ही।
प्रश्र ३- अरहंत दीक्षा लेते समय किन्हे नमस्कार करते है?
उत्तर ३- सिद्ध भगवान को।
प्रश्र ४- अरहंत का लुंचन कौन करता है?
उत्तर ४ - कोई नहीं। स्वयं ही अपना मुष्टि लुंचन करते हैं।
प्रश्र ५ - अरहंत कितनी मुष्टि लुंचन करते हैं?
उत्तर ५- पंचमुष्टि।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र 1- अरहंत का लुंचन कौन और किस में ग्रहण करते हैं?
उत्तर 1- देवराज शक्रेन्द्र वज्रमय थाल में।
प्रश्र २- देवता उन केशों को कहां प्रवाहित करते हैं?
उत्तर २- क्षीरोदधि (क्षीर समुद्र) में।
प्रश्र ३- दीक्षा के समय अरहंत के कंधे पर इंद्र क्या रखते हैं?
उत्तर ३- देवदुष्य वस्त्र।
प्रश्र ४- अरहंत दीक्षा के समय भंते शब्द का प्रयोग करते हैं?
उत्तर ४ - नहीं।
प्रश्र ५ -दीक्षा लेते ही भावी अरहंत को कौन सा ज्ञान होता है?
उत्तर ५- मन:पर्यवज्ञान।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १- भावी तीर्थंकर का आगमन किस गति से होता है?
उत्तर १- देव गति और नरक गति से।
प्रश्र २- अरहंत के आगमन को क्या कहते हैं?
उत्तर २- देव लोक से आगमन को च्यवन और नरकसे आगमन को उद्वर्तन कहते हैं।
प्रश्र ३- क्या तिर्यंच गति में तीर्थंकर नाम कर्म की सत्ता रहती है?
उत्तर ३- निकाचित तीर्थंकर नाम कर्म की अपेक्षा तिर्यंच गति में तीर्थंकर नाम कर्म बंध की सत्ता नहीं रहती।
प्रश्र ४-निकाचित और अनिकाचित तीर्थंकर नाम कर्म का बंध किस गति में होता है?
उत्तर ४ - निकाचित तीर्थंकर नाम कर्म का बंध मनुष्य गति में और अनिकाचित का सामान्यतः नरक और देव गति में।
प्रश्र ५ - नरक में अन्य नैरयिको की अपेक्षा भावी अरहंत को पीड़ा कम होती है या ज्यादा?
उत्तर ५- कम।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १- अरहंतो का कितने द्वीप में विचरण होता है?
उत्तर - अढाई द्वीप में - जंबूद्वीप, घातकी खंड और अर्धपुष्कर। अढ़ाई द्वीप को मनुष्य लोक भी कहते हैं।
प्रश्र २- मनुष्य लोक में एक समय में एक साथ अधिक से अधिक कितने तीर्थंकर हो सकते हैं?
उत्तर - 170
प्रश्र ३- 170 तीर्थंकर एक साथ कब विचरे थे?
उत्तर - दूसरे तीर्थंकर अजीतनाथ जी के समय में।
प्रश्र ४- कम से कम कितने तीर्थंकर हो सकते हैं?
उत्तर - 20
प्रश्र ५ - अरहंत तीन लोक में से कितने लोक में होते हैं?
उत्तर - दो लोक में- मध्य लोक व अधोलोक (सलिलावती विजय की अपेक्षा)।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १-वर्तमान में एरावत क्षेत्र में अरहंत भगवान है या नहीं?
उत्तर - नहीं। क्योंकि भरत क्षेत्र की तरहएरावत में कालचक्र का* परिवर्तन होता है।
प्रश्र २- 20 विहरमान महाविदेह क्षेत्र से विचरण करते हुए भरत क्षेत्र में आ सकते हैं?
उत्तर - नहीं।
प्रश्र ३- 20 विहरमान में हमारे सबसे निकट कौन से अरहंत विराजमान है?
उत्तर - श्री सीमंधर स्वामी।
प्रश्र ४- श्री सीमंधर स्वामी कौन सी दिशा में विराज रहे हैं?
उत्तर - ईशाण -कोण में।
प्रश्र ५ -20 विहरमान तीर्थंकरों का जन्म कब हुआ ?
उत्तर - वर्तमान चौबीसी के सतरहवें तीर्थंकर श्री कुंथुनाथ जी के निर्वाण के बाद एक ही समय में 20 विहरमान का जन्म हुआ।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १-महामंत्र की रचना कब हुई?
उत्तर १- द्रव्यत: आदि भावत: अनादि।
प्रश्र २- महामंत्र शाश्वत है या अशाश्वत ?
उत्तर २- *द्रव्य, गुण और अर्थ से शास्वत है।
प्रश्र ३- नमस्कार महामंत्र से बनने वाला लघु मंत्र कौन सा है?
उत्तर ३- अ-सि-आ-उ-सा।
प्रश्र ४- नमस्कार महामंत्र की भाषा क्या है?
उत्तर ४ - प्राकृत।
प्रश्र ५ - नमस्कार महामंत्र का अधिष्ठाता देव कौन है?
उत्तर ५- कोई नहीं, क्योंकि यह मंत्र सर्व शक्तियों से ऊपर है, सारे देव इसके सेवक है।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १-नवकार मंत्र का सबसे प्राचीन उल्लेख कहां मिलता है?
उत्तर १- खारवेल के शिलालेख में। प्रथम 2 पद।
प्रश्र २- पंच परमेष्ठी में लेश्या युक्त कितने पद हैं?
उत्तर २- सिद्ध को छोड़कर, शेष चार।
प्रश्र ३- पंच परमेष्ठी एक साथ अधिक से अधिक कितने और कहां मिलते हैं?
उत्तर ३- सिद्ध को छोड़कर शेष चार परमेष्ठी महाविदेह क्षेत्र में निरंतर मिलते हैं।
प्रश्र ४- पंच परमेष्ठी में प्रत्यक्ष ज्ञानी कितने हैं?
उत्तर ४ - प्रथम दो पद-- अरहंत और सिद्ध।
प्रश्र ५ - पंच परमेष्ठी में से स्त्री कितने पद आ सकती है?
उत्तर ५- दो (सिद्ध और साधु)।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १-नमस्कार महामंत्र के मात्र एक बार स्मरण से कौन सा जीव धरणेन्द्र बना?
उत्तर १- सर्प का जीव।
प्रश्र २- नौ लाख नमस्कार महामंत्र के जप से क्या होता है?
उत्तर २- नरक से मुक्ति।
प्रश्र ३ आगमों के अनुसार नवकार मंत्र का पूरा नाम क्या है?
उत्तर ३- पचं मंगल महाश्रुत स्कंध ( नमोकार महामंत्र)।
प्रश्र ४- आचार्य अनेक प्रकार के होते हैं जैसे- कलाचार्य, शिल्पाचार्य, विद्याचार्य, गणाचार्य, वाचनाचार्य, धर्माचार्य आदि। नमस्कार महामंत्र में कौन से आचार्य को नमस्कार किया गया है?
उत्तर ४ - धर्माचार्य को।
प्रश्र ५ - नमस्कार महामंत्र में ऐसा कौन सा पद है जिसमें वेश से या भावों से चारों पदों को आना ही पड़ता है?
उत्तर ५- ' नमो लोए सव्वसाहूणं 'पद में।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १-दर्शन का दिवाला किसने निकाला?
उत्तर १- जमाली।
प्रश्र २- विश्व जो कुछ भी है वह किन दो शब्दों में समाया है?
उत्तर २- जड़ और चेतन।
प्रश्र ३-पांचवेआरे में मोक्ष कौन गए?
उत्तर ३- जंबू स्वामी।
प्रश्र ४- मोहनीय कर्म का प्राकृतिक नाम क्या है?
उत्तर ४ - जुगुपासा।
प्रश्र ५ - जैन धर्म का बोध वाक्य क्या है?
उत्तर ५- जियो और जीने दो।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १-आचार्य कितने कल्पी विहारी होते हैं?
उत्तर १- नव कल्पी।
प्रश्र २- आचार्य के कितने कषाय होते हैं?
उत्तर २- आचार्य के संज्वलन- क्रोध मान माया और लोभ ये कषाय उदय में रहते है।
प्रश्र ३-तीन वेद में से कौन से वेद में आचार्य होते हैं?
उत्तर ३- पुरुष वेद में।
प्रश्र ४- पांच प्रकार के देवों में से आचार्य का किसमें समावेश होता है?
उत्तर ४ - धर्मदेव में।
प्रश्र ५ - क्या वर्तमान में भरत क्षेत्र में विचरण करने वाले आचार्य यहां से सीधा मोक्ष जा सकते हैं?
उत्तर ५- नहीं।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १-आचार्य कितने कल्पी विहारी होते हैं?
उत्तर १- नव कल्पी।
प्रश्र २- आचार्य के कितने कषाय होते हैं?
उत्तर २- आचार्य के संज्वलन- क्रोध मान माया और लोभ ये कषाय उदय में रहते है।
प्रश्र ३-तीन वेद में से कौन से वेद में आचार्य होते हैं?
उत्तर ३- पुरुष वेद में।
प्रश्र ४- पांच प्रकार के देवों में से आचार्य का किसमें समावेश होता है?
उत्तर ४ - धर्मदेव में।
प्रश्र ५ - क्या वर्तमान में भरत क्षेत्र में विचरण करने वाले आचार्य यहां से सीधा मोक्ष जा सकते हैं?
उत्तर ५- नहीं।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १-साधु जंगल आदि में तृण- धूल आदि किसकी आज्ञा से लेते हैं?
उत्तर १- शकेंद्र की आज्ञा से।
प्रश्र २- पांच महाव्रत की भावनाएं कितनी है पांच महाव्रत की भावनाएं कितनी है?
उत्तर २- पच्चीस । प्रत्येक महाव्रत की 5-5 भावनाएं है।
प्रश्र ३-साधु को कितने दोष टालकर भिक्षा ग्रहण करनी चाहिए?
उत्तर ३- ४२ दोष टालकर ।
प्रश्र ४- कौन से चरित्र के जीव अधिक है?
उत्तर ४ -सामायिक चरित्र वाले।
प्रश्र ५ - कौन से चरित्र वाले जीव सबसे कम है?
उत्तर ५- सूक्ष्मसम्पराए वाले।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १-कौन सी गति सेआया हुआ जीव साधु बन सकता है?
उत्तर १- चारों गति से।
प्रश्र २- साधु देव लोक होकर कौन सी गति में जा सकते हैं?
उत्तर २- चारों गति से।
प्रश्र ३-कितनी नरक तक का जीव साधु बन सकता है?
उत्तर ३- प्रथम पांच नरक से आया हुआ जीव साधु बन सकता है।
प्रश्र ४- विराधक साधु कहां तक जाते हैं?
उत्तर ४- भवनपति तक।
प्रश्र ५ - छद्मस्त मुनि की उत्कृष्ट: गति कहां की हो सकती है?
उत्तर ५- सर्वार्थ सिद्ध विमान।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १-क्या साधु साध्वी एक दूसरे से आपस में आलोचना ले सकते हैं?
उत्तर १- नहीं।
प्रश्र २- 14 पूर्वी मुनि परोक्षज्ञानी है या प्रत्यक्षज्ञानी?
उत्तर २- परोक्ष ज्ञानी।
प्रश्र ३-साधु पद शाश्वत है या अशाश्वत?
उत्तर ३- महाविदेह क्षेत्र की अपेक्षा शाश्वत है और भरत व ऐरावत की अपेक्षा साधुपद अशाश्वत है।
प्रश्र ४- साधु इस भव में सिद्ध हो सकते हैं क्या?
उत्तर ४- महाविदेह क्षेत्र से हो सकते हैं, भरत व ऐरावत क्षेत्र से सिद्ध नहीं हो सकते।
प्रश्र ५ - क्या साधु पुण्य का बंध और उसका उपभोग करता है?
उत्तर ५- हां।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १-साधु सम्यक्त्वी है या मिथ्यात्वी?
उत्तर १- सम्यक्त्वी। क्योंकि सम्यकत्वी जीव ही साधु बन सकता है
प्रश्र २- साधु में आत्मा कितनी?
उत्तर २- आठ।
प्रश्र ३-साधु का दंडक कौन सा?
उत्तर ३- एक--एक्कीसवा(सन्नी पंचेइंद्रिय का )
प्रश्र ४- साधु में दृष्टि कितनी?
उत्तर ४- एक--- सम्यक दृष्टि।
प्रश्र ५ - साधु में अणुव्रत कितने?
उत्तर ५- एक भी नहीं।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १-साधु साधक है या साध्य?
उत्तर १- साधक।
प्रश्र २- साधु लोक के कौन से भाग में रहते हैं?
उत्तर २- मात्र 4500000 योजन में(अढा़ई द्वीप) अर्थात लोक के असंख्यात्वे भाग में रहते हैं
प्रश्र ३-अढा़ई द्वीप से बाहर वाले जीव साधु बन सकते हैं या नहीं?
उत्तर ३- नहीं, वहां मनुष्यों की बस्ती नहीं है। तिर्यंच है लेकिन वे साधु नहीं बन सकते।
प्रश्र ४- साधु सादी सान्त है या सादि अनन्त ?
उत्तर ४- सादी- सान्त ।
प्रश्र ५ - साधु रूपी है या अरूपी?
उत्तर ५- दोनों - उनका शरीर रूपी है और उनके गुण अरूपी है।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १- तीर्थंकर की परंपरा कब से है?
उत्तर १- अनादि काल से।
प्रश्र २- अरहंत भगवान का जन्म कहां होता है?
उत्तर २- कर्मभूमि में।
प्रश्र ३-कर्मभूमि कितनी है? नाम बताइए?
उत्तर ३- कर्मभूमि 15 है- 5 भरत, 5 ऐरावत, 5 महाविदेह।
प्रश्र ४- किस-किस कर्मभूमि में अरहंतो का विराजना शाश्वत है?
उत्तर ४- महाविदेह में।
प्रश्र ५ - वर्तमान में जंबूद्वीप के भरत क्षेत्र में कौन से तीर्थंकर का विचरण हो रहा है?
उत्तर ५- किसी का नहीं।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र 1- पत्नी के व्यंग वचनों से आहत होकर अभिलंब संयम पथ पर कौन अग्रसर हुए?
उत्तर १- धन्ना कुमार।
प्रश्र २- धन्ना और शलीभद्र में परस्पर क्या संबंध था?
उत्तर २- साले - बहनोई का।
प्रश्र ३-जम्मू कुमार के अनासक्त भाव को देखकर कौन विरक्त हुए?
उत्तर ३- प्रभव आदि 500 चोर।
प्रश्र ४- धार्मिक उपकरणों को देखकर कौन जागृत हुए?
उत्तर ४- आद्रर् कुमार।
प्रश्र ५ - भिक्षार्थ निकले मुनि, गृहस्थ कौन बने?
उत्तर ५- अरणक मुनि।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १- शरीर की खाल उतारते उतारते केवल ज्ञान किसे प्राप्त हुआ?
उत्तर १- खंदक मुनि को।
प्रश्र २-पश्चाताप करते करते केवल ज्ञान किसे प्राप्त हुआ?
उत्तर २- चंदन बाला जी को।
प्रश्र ३-घर में बैठे-बैठे केवल ज्ञान किसे प्राप्त हुआ?
उत्तर ३- कर्मा पुत्र को।
प्रश्र ४-हाथी पर बैठे बैठे केवल ज्ञान किसे प्राप्त हुआ?
उत्तर ४- माता मरू देवी को।
प्रश्र ५- इच्छाकारेणं का ध्यान करते करते केवल ज्ञान किसे प्राप्त हुआ
उत्तर ५ -एवन्ता मुनि को।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १-नमस्कार सूत्र में तीर्थ की स्थापना कौन सा पद करता है?
उत्तर १- पहला पद।
प्रश्र २-गुरु भगवनंतो को देखते ही क्या करना चाहिए?
उत्तर २- दृष्टि वंदन।
प्रश्र ३-कौन से देव नारकी के जीव को भयंकर पीड़ा देते हैं?
उत्तर ३- परमाधामी देव।
प्रश्र ४- लोक के बाहर कौन सा द्रव्य है?
उत्तर ४- आकाशास्तिकाय।
प्रश्र ५ - नाम सहित ,गुण स्तुति का पाठ कौन सा है?
उत्तर ५- लोगस्य का पाठ।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १-कंगनों की टकराहट से अनेकतत्व में दुख एवं एकत्व में सुख मानकर किसने संयम लिया?
उत्तर १- मिथिला नरेश नमिराजर्षि ने।
प्रश्र २- अपराधी को बंधन में देखकर अपने बंधनों को तोड़ने का विचार किसने किया?
उत्तर २- समुद्र पाल ने ।
प्रश्र ३-संयम पथ से भ्रष्ट रहनेमि को सुस्थिर किसने किया?
उत्तर ३- राजमती ने।
प्रश्र ४- समाधि भंग के भय से एकाकी रहना किस ने स्वीकारा?
उत्तर ४- श्री गर्गाचार्य ने।
प्रश्र ५ - भगवान मल्लिनाथ स्त्री वेद में क्यों आए?
उत्तर ५- अपने पूर्व में मायापूर्वक तप करने से।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १-क्या मरे तो जीव तरे?
उत्तर १- मोह ।
प्रश्र २- क्या जीते तो जीव तरे?
उत्तर २- राग- द्वेष ।
प्रश्र ३- चार चीजें दुर्लभ है कौन सी?
उत्तर ३- मनुष्यत्व , श्रुत, श्रद्धा, संयम में पुरुषार्थ ।
प्रश्र ४- ऐसे कौन से जीव है जो जन्म लेंगे पर अन्न नहीं खाएंगे?
उत्तर ४- छठे आरे के जीव।
प्रश्र ५- किसमें वेदना है ज्ञान नहीं?
उत्तर ५- एकेंन्दिय में।
आगम असम्मत्त कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं |
प्रश्र १-दो भाई बिछड़े नहीं, यदि बिछड़े तो मिले नहीं,?
उत्तर - तेजस कार्मण शरीर।
प्रश्र २- साधना कौन से गुण स्थान से प्रारंभ होती है?
उत्तर - चौथे गुणस्थान से।
प्रश्र ३-करनी करें हजार, पर होवे ना भव से पार?
उत्तर - अभवी।
प्रश्र ४-सनी मनुष्य है, पर दीक्षा नहीं लेते?
उत्तर - युगलिक।
प्रश्र ५ - कौन सी आत्मा अभवी जीव में नहीं होती?
उत्तर - ज्ञान व चरित्र आत्मा।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १- शरीर की खाल उतारते उतारते केवल ज्ञान किसे प्राप्त हुआ?
उत्तर १- खंदक मुनि को।
प्रश्र २-पश्चाताप करते करते केवल ज्ञान किसे प्राप्त हुआ?
उत्तर २- चंदन बाला जी को।
प्रश्र ३-घर में बैठे-बैठे केवल ज्ञान किसे प्राप्त हुआ?
उत्तर ३- कर्मा पुत्र को।
प्रश्र ४-हाथी पर बैठे बैठे केवल ज्ञान किसे प्राप्त हुआ?
उत्तर ४- माता मरू देवी को।
प्रश्र ५- इच्छाकारेणं का ध्यान करते करते केवल ज्ञान किसे प्राप्त हुआ
उत्तर ५ -एवन्ता मुनि को।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १- उसी जन्म में मोक्ष जाने वाली आत्मा को क्या कहते हैं?
उत्तर १- चरम शरीरी ।
प्रश्र २-कौन से कर्मों के उदय से देवता सामायिक की आराधना नहीं कर सकते?
उत्तर२- चारित्र मोहनी कर्म।
प्रश्र ३- विश्व जो कुछ भी है वह किन दो शब्दों में समाया है?
उत्तर ३- जड़ और चेतन।
प्रश्र ४- हमारा आध्यात्मिक नाम क्या है?
उत्तर ४- जंगम।
प्रश्र ५- धर्म दलाली से आत्म कल्याण किसने पाया?
उत्तर ५- कृष्ण वासुदेव ने।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १- सात नर्क में कुल कितने नरकावास है?
उत्तर १- ८४ लाख नरकावास ।
प्रश्र २- कहां से आया हुआ जीव नियमा एक भव करके मोक्ष जाता है?
उत्तर २- सर्वार्थसिद्ध से ।
प्रश्र ३- भगवान महावीर स्वामी के शासन में अंतिम साधु कौन होंगे?
उत्तर ३- दु:पसह मुनि ।
प्रश्र ३- किस तत्व में समस्त पदार्थों का समावेश हो जाता है?
उत्तर ३- जीव - अजीव में।
प्रश्र ४- इंद्रियां किस को ग्रहण करती है?
उत्तर ४- विषयों को।
प्रश्र ५- किस ध्यान में जीव आयुष बंध नहीं करता?
उत्तर ५- शुक्ल ध्यान में।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १- क्रोध का प्रतिक्रमण किसने किया?
उत्तर १- चण्डकौशिक सर्प ने ।
प्रश्र २- मान का प्रतिक्रमण किसने किया?
उत्तर २- बाहुबली और दर्शणभद्र राजा ने।
प्रश्र ३-लोभ का प्रतिक्रमण किसने किया?
उत्तर ३- कपिल मुनि ने।
प्रश्र ४-ज्ञान की दीपावली किसने की?
उत्तर ४- गौतम स्वामी ने।
प्रश्र ५- दर्शन की दीपावली किसने की?
उत्तर ५- सुलसा ने।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १- हमेशा जीव राशि की संख्या कहां बढ़ती ही है?
उत्तर १- सिद्ध गति में।
प्रश्र २- वितरागी मनुष्य में कौन सा चारित्र
होता है?
उत्तर २- यथाख्यात चरित्र।
प्रश्र ३- किन जीवो में संहनन नहीं पाया जाता?
उत्तर ३- नारकी - देवता में।
प्रश्र ४- सबसे उत्कृष्ट अवगाहना किस काय की होती है?
उत्तर ४- वनस्पति काय की।
प्रश्र ५- कौन सी आत्मा अभवी जीव में नहीं होती?
उत्तर ५- ज्ञान व चरित्र आत्मा।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १- सात नर्क में कुल कितने नरकावास है?
उत्तर १- ८४ लाख नरकावास ।
प्रश्र २- कहां से आया हुआ जीव नियमा एक भव करके मोक्ष जाता है?
उत्तर २- सर्वार्थसिद्ध से ।
प्रश्र ३- भगवान महावीर स्वामी के शासन में अंतिम साधु कौन होंगे?
उत्तर ३- दु:पसह मुनि ।
प्रश्र ३- किस तत्व में समस्त पदार्थों का समावेश हो जाता है?
उत्तर ३- जीव - अजीव में।
प्रश्र ४- इंद्रियां किस को ग्रहण करती है?
उत्तर ४- विषयों को।
प्रश्र ५- किस ध्यान में जीव आयुष बंध नहीं करता?
उत्तर ५- शुक्ल ध्यान में।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १- लोक में सबसे अधिक जीव किस काय के है?
उत्तर १- वनस्पति काय के।
प्रश्र २- इस भरत क्षेत्र की पृथ्वी का स्वामी कौन है?
उत्तर २ -शक्रेन्द्र।
प्रश्र ३- जहाज के समान किसे कहा है?
उत्तर ३- साधु - साध्वी को।
प्रश्र ४-सबसे कठिन काम कौन सा है?
उत्तर ४- मन को वश में करना।
प्रश्र ५- मेरी कोई सीमा नहीं है, मैं कौन?
उत्तर ५- तृष्णा,इच्छा।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १- पाप बढ़ने का प्रमुख कारण क्या है?
उत्तर १- परिग्रह।
प्रश्र २- भगवान की आज्ञा में चलने वाले शिष्य कहलाते हैं?
उत्तर २- अंतेवासी।
प्रश्र ३- क्रोध को किसके समान कहा है?
उत्तर ३- जहर के समान।
प्रश्र ४- पापों कोे रोकने वाली कंपनी कौन सी है?
उत्तर ४- प्रत्याख्यान।
प्रश्र ५- युद्ध भूमि से नरक भूमि कौन जाते हैं?
उत्तर ५- प्रति वासुदेव।
आगम असम्मत कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं
प्रश्र १- कर्म का बीज कौन सा है?
उत्तर १- राग और द्वेष
प्रश्र २-सिद्ध जीव ज्यादा या संसारी?
उत्तर २- संसारी जीव ज्यादा।
प्रश्र ३- पाप ज्यादा या पाप के स्थान ज्यादा?
उत्तर ३- पाप।
प्रश्र ४- त्रस जीव ज्यादा या स्थावर जीव ज्यादा?
उत्तर ४- स्थावर जीव ज्यादा।
प्रश्र ५- जीव ज्यादा या अजीव?
उत्तर ५- अजीव ज्यादा।
आगम असम्मत्त कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं |
प्रश्र १- आहार करते है पर पानी नहीं पीते?
उत्तर १- अनाज के कीडे ।
प्रश्र २- आहर नहीं करते पर पानी पीते हैं?
उत्तर २- पानी के जीव।
प्रश्र ३- पानी पीते हैं और आहर भी करते हैं?
उत्तर ३- संसारी जीव।
प्रश्र ४- आहार नहीं करते और पानी नहीं पीते?
उत्तर ४- सिद्धात्मा।
प्रश्र ५- देवताओं का आहार कौन सा होता है?
उत्तर ५- रोम आहार होता है।
आगम असम्मत्त कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं |
प्रश्र १- जरा और मृत्यु के भय से दीक्षा किसने लिए?
उत्तर १- थावच्चा पुत्र ने।
प्रश्र २- केवल ज्ञान होने के बाद गोचरी कौन गए?
उत्तर २- तेतली पुत्र।
प्रश्र ३- जहर खाकर कौन जीए?
उत्तर ३ -धर्म रूचि अणगार ।
प्रश्र ४- पुकार सुनकर प्रवज्जा मार्ग पर कौन बढे?
उत्तर ४- नेमिनाथ जी।
प्रश्र ५- पुत्र को देखकर प्रवज्जा किसने ली?
उत्तर ५- ऋषभ दत्त- देवानंदा ने ।
आगम असम्मत्त कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं |
प्रश्र १- पुत्रों से किसे लाभ हुआ?
उत्तर १- भृगु पुरोहित को।
प्रश्र २- जवाई से लाभ किसे हुआ?
उत्तर २- जंबू स्वामी के सास - ससुर को।
प्रश्र ३- बहनों से लाभ किसे हुआ?
उत्तर ३- बाहुबली को।
प्रश्र ४- बहनोई से लाभ किसे हुआ?
उत्तर ४- शालीभद्र को ।
प्रश्र ५- ससुर से लाभ किसे हुआ?
उत्तर५- गज सुकुमाल को।
आगम असम्मत्त कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं |
प्रश्र १-क्या मरे तो जीव तरे?
उत्तर - मोह ।
प्रश्र २- क्या जीते तो जीव तरे?
उत्तर - राग- द्वेष ।
प्रश्र ३- चार चीजें दुर्लभ है कौन सी?
उत्तर - मनुष्यत्व, श्रुत, श्रद्धा, संयम में पुरुषार्थ ।
प्रश्र ४- ऐसे कौन से जीव है जो जन्म लेंगे पर अन्न नहीं खाएंगे?
उत्तर - छठे आरे के जीव।
प्रश्र ५- किसमें वेदना है ज्ञान नहीं?
उत्तर - एकेंन्दिय में।
आगम असम्मत्त कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं |
प्रश्र १- सबसे बड़ा क्षेत्र कौन सा है?
उत्तर :- सिद्ध शीला ।
प्रश्र २- दुनिया को मापने का थर्मामीटर कौन सा?
उत्तर :- केवल ज्ञान।
प्रश्र ३- मोक्ष जाने का शार्ट कट कौन सा?
उत्तर :- कषाय को जितना।
प्रश्र ४- पांच इंद्रियों में कामी कितनी और भोगी कितनी?
उत्तर :- कामी- कान, आंख। भोगी- जीभ,नाक, त्वचा।
प्रश्र ५- कौन सी जीवो की संख्या बढ़ती भी नहीं, घटती भी नहीं?
उत्तर - अभवी जीवों की
प्रश्र१- कांच महल में बैठे- बैठे केवल ज्ञान किसे प्राप्त हुआ?
उत्तर १- भरत चक्रवर्ती को।
प्रश्र २- शरीर की खाल उतारते- उतारते केवल ज्ञान किसे प्राप्त हुआ?
उत्तर २- खंदक मुनी को।
प्रश्र ३- लड्डू से कर्म किसने बांधे?
उत्तर ३- मम्मण सेठ ने।
प्रश्र ४- हाथी पर बैठे- बैठे केवल ज्ञान किसे प्राप्त हुआ?
उत्तर४- मरू देवा माता को।
प्रश्र ५- पूर्व भव सुनकर गिरते-गिरते कौन बचे?
उत्तर ५- मेघमुनि।
आगम असम्मत्त कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं |
प्रश्र १- आलोचना करते- करते केवल ज्ञान किसे प्राप्त हुआ?
उत्तर- मृगावतीजी को।
प्रश्न २- द्रव्य रक्षाबंधन करते-करते भाव रक्षाबंधन किसने साधा?
उत्तर २- ब्राह्मी सुंदरी ने।
प्रश्न ३- संहार करते-करते सिद्ध मार्ग पर कौन गए?
उत्तर३- अर्जुन माली ने।
प्रश्न ४- खाना खाते-खाते केवल ज्ञान किसे प्राप्त हुआ?
उत्तर ४- कर कुंड मुनि को।
प्रश्न ५- कांच महल में बैठे बैठे केवल ज्ञान किसे प्राप्त हुआ?
उत्तर- भरत चक्रवर्ती को।
आगम असम्मत्त कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं |
प्रश्न १- दान देकर संसार किसने बढ़ाया?
उत्तर- नाग श्री ब्राह्मणी ने।
प्रश्न २- दान देकर संसार किसने घटाया?
उत्तर २- सुबाहु कुमार और शालीभद्र ने।
प्रश्न ३- पैर का कांटा निकालते- निकालते कर्मों का कांटा किसने निकाला?
उत्तर ३- रोहिणि चोर ने।
प्रश्न ४- नाटक करते - करते केवल ज्ञान किसे प्राप्त हुआ?
उत्तर ४- इलायची कुमार को।
प्रश्न ५- गोचरी लाते- लाते केवल ज्ञान किसे प्राप्त हुआ?
उत्तर ५- साध्वी पुष्पचुलाजी को।
आगम असम्मत्त कुछ लिखा हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं |
प्रश्न १- आश्रव भावना किसने भाई?
उत्तर १- समुद्र पाल मुनि ने।
प्रश्न २- धर्म भावना किसने भाई?
उत्तर २- धर्म रूचि अंगार ने।
प्रश्न ३-मनसे कर्म बांधे, मनसे कर्म किसने तोड़े?
प्रश्न ३- प्रसन्नचंद्र राजर्षि ने।
प्रश्न ४- तपस्या करके संसार किसने घटाया?
प्रश्न ४- महावीर स्वामी ने।
प्रश्न ५- शील पालकर संसार किसने घटाया?
उत्तर५- विजय सेठ और विजया
सेठानी ने।
प्रश्न१- अशुचि भावना किसने भाई ?
उत्तर १- सनत् कुमार चक्रवर्ती ने।
प्रश्न २- संवर भावना किसने भाई ?
उत्तर २- गौतम स्वामी ने।
प्रश्न ३- निर्जरा भावना किसने भाई ?
उत्तर ३- अर्जुन माली मुनि ने।
प्रश्न ४- लोक स्वरूप भावना किसने भाई?
उत्तर ४- शिवराज ऋषी ने।
प्रश्न ५- बोधी दुर्लभ भावना किसने भाई?
उत्तर ऋषभदेव के ९८ पुत्रों ने।
प्रश्न १- अनित्य भावना किसने भाई?
उत्तर - भरत चक्रवर्ती ने।
प्रश्न २- अशरण भावना किसने भाई?
उत्तर - अनाथी मुनि ने।
प्रश्न ३- संसार भावना किसने भाई?
उत्तर - धन्ना शालीभद्र ने।
प्रश्न ४- एकत्व भावना किसने भाई ?
उत्तर - नमी राजॠषि ने।
प्रश्न ५- अनत्व भावना किसने भाई ?
उत्तर - मृगा पुत्र ने।